काश डीएम साहब पहले ही जिला अस्पताल का निरीक्षण कर लेते

काश डीएम साहब जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए पहले आज जाते, तो उनको शवों की सड़ांद के बीच इतनों दिनों काम ना करना पड़ता। इस बात को लेकर जिला अस्पताल में स्टॉफ के बीच चर्चा जोरों से की जा रही है। स्टॉफ का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन से कह-कह कर थक गये, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। जिला अस्पताल का स्टॉफ मन ही मन में जिलाधिकारी को अस्पताल निरीक्षण करने पहुंचने के लिए दिल से धन्यवाद कर रहा है। बताते चले कि जिला अस्पताल की लम्बे समय से मोर्चरी में रखे डीप फ्रीजर खराब पड़े होने से शव सड़ने वो भी भीषण गर्मी में शवों से उठने वाली दम घोटू बंदबू से स्टॉफ और उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही हैं। इंडोर वार्ड में कार्यरत स्टाफ नर्सिग अधिकारियों ने भी अस्पताल प्रबंधन को शवों से उठने वाली दम घोटू बंदबू में काम करने में हो रही दिक्कत से अवगत कराया गया। लेकिन उनकी शिकायतों को भी अस्पताल प्रबंधन की ओर से गम्भीरता नहीं दिखाई गयी। बताया जा रहा है कि पूर्व में भी खराब पड़े डीप फ्रीजरों को हरिद्वार की एक समाजिक संस्था द्वारा ठीक कराया गया था, लेकिन रिपेयर फ्रीजर अधिक दिनों तक नहीं चले। कहा जा रहा हैं कि फ्रीजर मैकेनिंक ने डीप फ्रीजर खराब होने की वजह टीन शेड के नीचे खुले में रखे होना बताया था। जिस कारण बरसात के दिनों में डीप फ्रीजर पर बरसाती पानी पड़ने से खराब हो रहे थे। लेकिन मैकेनिंक की राय को भी नजर अंदाज किया गया। अब जब स्थिति हाथ से निकलती नजर आयी और बंदबू की मार ने सभी को त्रस्त किया तो सोया अस्पताल प्रबंधन जागा। हां प्रबंधन ने इतना जरूर किया कि अस्पताल की कीचन, जिसमें मरीजों के लिए भोजन बनता था, जिसकी दीवार मोर्चरी से सटी थी। उसको तूड़वा कर मोर्चरी से मिलवा दिया और शवों को वहां पर रखवाना शुरू कर दिया। लेकिन स्थिति ओर बद से बदतर हो गयी। शवों की सड़ांद अब मोर्चरी से निकल कर इंडोर वार्ड, ओटी के गलियारों समेत कई जगह फैल गयी। स्टॉफ समेत मरीजों व तीमारदारों को ओटी के बाहर से होकर इंडोर वार्ड के आगे से निकलना मुश्किल तक हो गया। हालत तो इंडोर वार्ड में कार्यरत नर्सिग अधिकारियों की खराब है जिनको 8 घंटे अपनी ड्यूटी निभाना है। बताया जा रहा है कि कई बार तो मरीजों ने भी इंडोर वार्ड में भर्ती होने से इंकार कर दिया। यदि मरीज को मजबूरी वश भर्ती होना पड़े तो उसका भगवान ही मालिक है। बताया जा रहा है कि इंडोर वार्ड में तैनात नर्सिग अधिकारियों ने रात में खाली पड़े वार्ड में सन्नाटे में ड्यूटी के दौरान डर के चलते ड्यूटी रूम में हनुमान चालीसा तक रख ली। जिला अस्पताल के नर्सिग अधिकारी व स्टॉफ अब डीएम साहब को दिल से धन्यवाद दे रहे हैं कि उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण कर नये डीप फ्रीजर खरीदने के लिए निर्देश दे दिये, वरना उनको कब तक शवों की उठती दम घोटू सडांद के बीच ड्यूटी देेनी पड़ती। काश डीएम साहब पहले ही अस्पताल का निरीक्षण कर लेते तो उनकी इस समस्या का समाधान हो जाता।

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