तुर्की से पांचवीं पीढ़ी के जेट लड़ाकू विमान खरीदेगा इंडोनेशिया, बढ़ेगी ताकत

जकार्ता,(ईएमएस)। इंडोनेशिया ने तुर्की से पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान खॉन खरीदने का फैसला किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 10 अप्रैल 2025 को अंकारा की आधिकारिक यात्रा के दौरान, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने तुर्की के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू जेट कार्यक्रम खॉन में शामिल होने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। इस दौरान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने तुर्की के साथ रक्षा साझेदारी को मजबूत करने पर जोर दिया है।
एयरस्पेस और नौसेना के क्षेत्र में तुर्की ने पिछले कुछ सालों में जबरदस्त बढ़त हासिल की है। इसका नतीजा है कि कई देश तुर्की के फाइटर जेट प्रोग्राम में जुड़ने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। तुर्की और इंडोनेशिया के बीच पिछले कुछ सालों में रणनीतिक संबंध काफी मजबूत हुए हैं। इंडोनेशिया लगातार क्षेत्रीय और समुद्री खतरों से जूझता रहा है वह अपनी वायुसेना के पुराने विमानों को बाहर कर नए अत्याधुनिक विमानों से बदलना चाहता है। एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांतो ने कहा कि इंडोनेशिया, तुर्की उद्योग के साथ पांचवीं पीढ़ी के खॉन लड़ाकू जेट के विकास के साथ-साथ पनडुब्बी विकास में भी भाग लेना चाहता है।
एक रिपोर्ट में उनकी टिप्पणी को पश्चिमी ताकतों से अलग हटते हुए रक्षा खरीद में विविधता लाने और डिफेंस इंडस्ट्री में तेज होती प्रतिस्पर्धा के तौर पर दिखाया गया है। तुर्की और इंडोनेशिया के बीच संस्कृति, आपदा प्रबंधन और मीडिया में नए द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जो फरवरी में अंकारा और जकार्ता के बीच हस्ताक्षरित तेरह सहयोग समझौतों में शामिल है। बता दें कि तुर्की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने खॉन कार्यक्रम के तहत पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान तैयार किए हैं। इसका मकसद तुर्की को विदेशी देशों के ऊपर से निर्भरता को खत्म करना था।
बता दें कि पहले टीएफ-एक्स के रूप में जाना जाने वाला खॉन एक पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जिसे बीएई सिस्टम्स के तकनीकी समर्थन से विकसित किया जा रहा है। इसमें रडार-अवशोषित सामग्री का इस्तेमाला करके एडवांस स्टील्थ डिजाइन है, जिसके बारे में दावा किया जाता है कि यह चरम पर्यावरणीय परिस्थितियों में एफ-35 के मुकाबले दस गुना ज्यादा प्रभावी है। ये फाइटर जेट 38,000 पाउंड तक का थ्रस्ट उत्पन्न करेगा। इसके अलावा इसमें डबल इंजन है, जिससे विमान की स्पीड 1.8 मैक तक पहुंच सकती है, जो एफ-35 के मुकाबले ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करेगा। एफ-35 की स्पीड मैक 1.6 तक सीमित है।

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